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अब सांसद नहीं रहे राहुल गांधी, मानहानि केस में सजा के बाद सदस्यता खत्म,फैसला बरकरार रहने की सूरत में अगले 8 साल नहीं लड़ पाएंगे चुनाव

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता शुक्रवार दोपहर करीब 2.30 बजे रद्द कर दी गई ,लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी .

मानहानि केस में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने गुरुवार को दोषी करार दिया उन्हें 2 साल की जेल की सजा सुनाई  तभी से उनकी सांसदी पर तलवार लटक रही थी .राहुल ने कोर्ट में कहा कि बयान देते वक्त मेरी मंशा गलत नहीं थी. मैंने तो भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी लेकिन से दलील काफी नहीं थी और कोर्ट ने उन्हें 2 साल की जेल की सजा सुनाई और 15 हजार का जुर्माना भी लगाया. इस घटनाक्रम की नीव सुप्रीम कोर्ट  के 11 जुलाई 2013 के उस फैसले से पढ़ गई थी जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी करार दिए जाने की तारीख से ही संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित हो जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने लिली थॉमस बनाम भारत सरकार के केस में यह आदेश दिया था . इससे पहले प्रावधान था कि कोर्ट का आखिरी फैसला आने तक विधायक या सांसद की सदस्यता खत्म नहीं होगी .  फैसले के करीब 3 घंटे बाद राहुल ने ट्वीट किया

मैं भारत की आवाज के लिए लड़ रहा हूं,

मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं।’

अब आपको बताते चलें कि वो कौन सा घटनाक्रम था जिसके कारण राहुल गांधी को ये दिन देखना पड़ा

2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल ने अपने भाषण में कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है, चाहे वह ललित मोदी हो या नीरव मोदी हो चाहे नरेंद्र मोदी . इस केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में पेश हुए थे . आखिरी बार अक्टूबर 2021 की पेशी के दौरान उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था .

किसने किया केस  

यह केस सूरत पश्चिम के विधायक पूर्णेश मोदी ने दर्ज किया था। पूर्णेश का कहना था कि राहुल गांधी ने हमारे समाज को चोर कहा था। चुनावी सभा में हमारे खिलाफ आरोप लगाए गए, जिससे हमारी और समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची। इसी के चलते हम इस मामले को कोर्ट में लेकर आए। हम आखिरी सांस तक लड़ेंगे। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।
हालांकि, राहुल गांधी के वकील ने दलील दी थी कि पूर्णेश मोदी को इस मामले में पीड़ित पक्ष के रूप में शिकायतकर्ता नहीं होना चाहिए था, क्योंकि राहुल गांधी के अधिकांश भाषणों में प्रधानमंत्री को निशाना बनाया गया था न कि पूर्णेश मोदी को। 
सजा का ऐलान होते ही कोर्ट के बाहर विधायक और याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी और उनके समर्थकों ने भारत माता की जय और जय श्रीराम के नारे लगाए.  

 

अब आपको बताते हैं राहुल गांधी के पास अब क्या रास्ते  बचे हैं 

  •  राहुल की संसद सदस्यता खत्म करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है  
  •  मानहानि मामले में 2 साल की सजा के खिलाफ राहुल गांधी हायर कोर्ट में अपील करेंगे.सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल कहते हैं कि अगर बड़ी कोर्ट से राहुल गांधी की कन्विक्शन रद्द कर दे या रोक लगा दे तो उनकी लोकसभा सदस्यता बरकरार रहेगी .

 

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