कर्ज लेना हुआ फिर मंहगा, RBI ने लगातार 6वीं बार बढ़ाई ब्याज दरें, लेकिन FD पर मिलेगा ज्यादा ब्याज
भारत में लोन लेने वालों के लिए एक भारी खबर आ रही है भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को रेपो रेट में 0.25% का इजाफा किया है. इससे रेपो रेट 6.25% से बढ़कर 6.50% हो गयी है. यानी होम लोन से लेकर ऑटो और पर्सनल लोन सब कुछ महंगा हो जाएगा और आपको ज्यादा EMI चुकानी होगी. हालांकि FD पर अब ज्यादा ब्याज दरें मिलेंगी. 1 अगस्त 2018 के बाद रेपो रेट की सबसे ऊंची दर है. तब रेपो रेट 6.50% थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 1 फरवरी को बजट पेश करने के बाद MPC की यह पहली बैठक है. ब्याज दरों पर फैसले के लिए 6 फरवरी से मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग चल रही थी. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास आज बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ब्याज दरों से जुड़ी घोषणा की. इससे पहले दिसंबर में हुई मीटिंग में ब्याज दरों को 5.90% से बढ़कर 6.25% किया गया था.
आरबीआई क्यों बढ़ाती और घटाती है मॉनेटरी पॉलिसी
रेपो रेट महंगाई से लड़ने का शक्तिशाली टूल है, जिसका समय समय पर आरबीआई स्थिति के हिसाब से इस्तेईमाल करता है. जब महंगाई बहुत ज्यामदा होती है तो आरबीआई इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है और रेपो रेट को बढ़ा देता है. लेकिन जब इकोनॉमी बुरे दौर से गुजरती है तो रिकवरी के लिए मनी फ्लो बढ़ाने की जरूरत पड़ती है और ऐसे में RBI रेपो रेट कम कर देता है.
6 बार में 2.50% की बढ़ोतरी
मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग हर दो महीने में होती है। इस वित्त वर्ष की पहली मीटिंग अप्रैल में हुई थी। तब RBI ने रेपो रेट को 4% पर स्थिर रखा था, लेकिन RBI ने 2 और 3 मई को इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर रेपो रेट को 0.40% बढ़ाकर 4.40% कर दिया था।
22 मई 2020 के बाद रेपो रेट में ये बदलाव हुआ था। इसके बाद 6 से 8 जून को हुई मीटिंग में रेपो रेट में 0.50% इजाफा किया। इससे रेपो रेट 4.40% से बढ़कर 4.90% हो गई। फिर अगस्त में इसे 0.50% बढ़ाया गया, जिससे ये 5.40% पर पहुंच गई। सितंबर में ब्याज दरें 5.90% हो गई। फिर दिसंबर में ब्याज दरें 6.25% पर पहुंच गई। अब ब्याज दरें 6.50% पर पहुंच गई है।
लोन पर पड़ता है असर
आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने से बैंकों को मिलने वाला कर्ज भी महंगा हो जाता है, इसके कारण बैंक भी अपने ग्राहकों को कर्ज महंगी ब्याज दरों पर देते हैं. यही कारण है कि रेपो रेट बढ़ने के साथ ही लोन भी महंगा हो जाता है. वहीं अगर आरबीआई रेपो रेट को कम कर देता है, तो बैंकों को कर्ज सस्ती दरों पर मिलता है और वो अपने ग्राहकों को भी सस्ती ब्याज दरों पर लोन उपलब्ध करवाती हैं. लोन महंगे होने से इकोनॉमी में मनी फ्लो कम होता है. मनी फ्लो कम होगा तो डिमांड में कमी आती है और महंगाई घट जाती है.
जानिए कितनी बढ़ जाएगी आपकी ईएमआई
आपके होम लोन की ईएमआई कितनी महंगी हो जाएगी इसे ऐसे समझिए अगर किसी ने 20 लाख रुपये का होम लोन 8.60 फीसदी ब्याज दर के हिसाब से 20 साल के लिए ले रखा है। ऐसे में वह अपने होम लोन के लिए हर महीने 21,854 रुपये की ईएमआई चुका रहा है। अब रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी होने के बाद ब्याज दर बढ़कर 8.85 फीसदी हो जाएगी। ऐसे में उसे 21,854 की जगह अब 22,253 रुपये की ईएमआई चुकानी होगी। इस तरह से देखें तो उसकी ईएमआई करीब 400 रुपये तक महंगी हो जाएगी। वहीं अगर किसी ने 8.60 फीसदी ब्याज दर पर 40 लाख रुपये का होम लोन 20 साल के लिए लिया है तो उसे हर महीने 34,967 रुपये की ईएमआई चुकानी होगी। अब रेपो रेट बढ़ने के बाद होम लोन पर उसे 8.85 फीसदी का ब्याज चुकाना होगा। ऐसे में उसकी ईएमआई बढ़कर 35,604 रुपये हो जाएगी। इस हिसाब से 637 रुपये की ईएमआई बढ़ जाएगी। चार्ट में देखिए आपको पहले की तुलना में अब कितने पैसे चुकाने होंगे।
ईएमआई तो बढ़ेगी लेकिन इनको होगा फायदा
आरबीआई की ओर से रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद आम आदमी पर महंगाई का बोझ बढ़ जाएगा, लेकिन इससे बैंकों में जमा एफडी पर लोगों को ब्याज ज्यादा मिलेगा। आरबीआई की ओर से
रेपो रेट में बढ़ोतरी की मुख्य वजह महंगाई को कंट्रोल करना है। आरबीआई मार्केट से कैश को कम करना चाहता है, जिससे महंगाई काबू में आ सके।
Monetary Policy Statement by Shri Shaktikanta Das, RBI Governor – February 08, 2023 https://t.co/KGPgzXbpWN
— ReserveBankOfIndia (@RBI) February 8, 2023
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