NationalPoliticsTop Storiesदेशविश्व समाचार

अरब के छोटे देश भारत के लिए हैं बेहद अहम, इन देशों से नाराज़गी बनेगी बड़ी चिंता

धर्म कोई सा भी हो लेकिन उसके बारें में कुछ भी गलत बोलने का अधिकार किसी को भी नहीं है। पिछले हफ्ते बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने इस्लाम और पैगंबर को लेकर ऐसा कुछ विवादित कह दिया दिया कि पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया है। बीजेपी ने दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता नवीन कुमार जिंदल को भी निष्कासित कर दिया है। बीजेपी ने यह कदम खाड़ी देशों द्वारा किए गए विरोध के बाद उठाया। इस मामले पर भारतीय विदेश मंत्रालय को भी अपना पक्ष रखना पड़ा है। ये छिपी बात नहीं है कि भारत के लिए खाड़ी अहम हैं लेकिन भारत के लिए खाड़ी का यह मुस्लिम क्षेत्र कितना महत्वपूर्ण है ये बात सभी को नहीं पता है।

जानें, क्यों ज़रूरी हैं भारत के लिए खाड़ी देश 

कतर जैसे छोटे लेकिन समृद्ध देश खाड़ी क्षेत्र में भारत के सबसे करीबी सहयोगियों में से है। खाड़ी देशों के साथ भारत के बेहतर संबंध रहे हैं। इस रिश्ते के दो सबसे महत्वपूर्ण कारण तेल और व्यापार हैं। इसके साथ ही लाखों की संख्या में इन देशों में काम कर रहे भारतीय और उनके द्वारा भारत को भेजे जाने वाले पैसे भी महत्वपूर्ण कड़ी हैं।

भारत इन देशों के साथ करता है व्यापार

इंडियन एक्सप्रेस ने सऊदी अरब की राजधानी रियाद स्थित भारतीय एंबेसी के हवाले से बताया है कि गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (GCC) भारत के लिए एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार के तौर पर उभरा है। इस GCC में सऊदी अरब, ओमान, कतर, कुवैत, बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश शामिल हैं। GCC देशों के तेल और गैस के भंडार भारतीय ऊर्जा जरूरतों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।

2021-22 में संयुक्त अरब अमीरात भारत का तीसरा सबसे बड़ा, सऊदी अरब चौथा सबसे बड़ा। इराक पांचवां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था। कतर की बात करें तो यह भारत के कुल व्यापार का सिर्फ 1.4 फीसद है लेकिन प्राकृतिक गैस के लिए भारत का सबसे महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता है।

ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की एक रिपोर्ट बताती है कि भारत की 84 फीसद से अधिक पेट्रोलियम मांग आयात से पूरी की जाती है। भारत ने 2021-22 में 42 देशों से कच्चा तेल खरीदा जो कि 2006-07 के 27 देशों से अधिक था। हालांकि भारत के तेल आयात के टॉप 20 देशों का भारत के तेल आयात में 95 फीसद से अधिक का योगदान है और टॉप 10 देशों का 80 फिस्स से अधिक का योगदान है।

2021-2022 के दौरान इराक भारत का सबसे बड़ा तेल निर्यातक था जिसका हिस्सा 2009-2010 में 9 फीसद से बढ़कर 22 फीसद तक हो गया है। सऊदी अरब के तेल आयात का 17-18 फीसद हिस्सा है। 2009-2010 में ईरान भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक हुआ करता था लेकिन अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण ईरान का हिस्सा घटकर 1 फीसद से भी कम रह गया है।

यह भी पढ़ें – World Food Safety Day पर जानें इस दिन की क़ीमत

ABSTARNEWS के ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं. हमें फ़ेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो कर सकते है

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button