
आंध्र प्रदेश (Andra Pradesh) इन दिनों सुर्खियों में छाया हुआ है, वजह भी काफी हैरान कर देने वाली है। जी हां इन दिनों सोशल मीडिया पर सेंसशन का विषय आंध्र प्रदेश में हो रहे (Naxal Recruitment) नक्सलियों द्वारा लड़कियों की ‘बंपर’ भर्ती है। बता दें कि प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी (CPI Maoist) में लड़कियों की भर्ती का मामला सामने आया है। वहीं मामला सामने आते ही इस केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पांच लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। आरोप पत्र में संगठन पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने युवा लड़कियों को कट्टरपंथी बनाने का आरोप लगाया गया है।
जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आंध्र के विजयवाड़ा स्थित विशेष कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है। बता दें कि इस केस को विशाखापत्तनम पुलिस ने इस साल के शुरुआती दौर में दायर किया था। जिसके बाद इस केस की जांच एनआईए को सौंप दिया गया था।
एनआईए (NIA) ने अपने आरोप पत्र में राधा नामक लड़की को भाकपा माओवादी के कैडर के रूप में भर्ती किए जाने का जिक्र किया है। पीड़ित महिला के अनुसार आरोपी डोंगरी देवेंद्र, दुबासी स्वप्ना और चुक्का शिल्पा ने राधा को चैतन्य महिला संघ (CMS) में शामिल होने के लिए प्रेरित किया था और बाद में उसे कट्टरपंथी बनाकर भाकपा (माओवादी) के नेतृत्व में प्रतिबंधित संगठन में भर्ती करा दिया।
एनआईए (NIA) के प्रवक्ता ने बताया कि भूमिगत माओवादियों, आरके (अब मृतक) उदय, अरुणा आदि इस संगठन के नेता थे। जांच में पाया गया कि आरोपी देवेंद्र राधा को इलाज के बहाने जंगल में ले गया था। वहां उदय और अरुणा ने उसे प्रतिबंधित संगठन में शामिल होने के लिए मजबूर किया। एनआईए का कहना है कि आरोपियों ने कुछ अन्य लड़कियों व अन्य को भी इस प्रतिबंधित संगठन में भर्ती किया।
प्रवक्ता ने कहा कि देवेंद्र ने सामाजिक कार्य के नाम पर भोलीभाली लड़कियों को सीएमएस की ओर आकर्षित किया था। मामले में किसी बड़ी साजिश की आशंका को देखते हुए सीएमएस और संगठन के अन्य नेताओं की भूमिका की जांच की जा रही है।