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लखनऊ: मां-बेटे पर एसिड अटैक,आरोपी CCTV में कैद

लखनऊ से मां-बेटे पर एसिड अटैक का खौफनाक मामला सामने आया है। जहां शनिवार रात दो लड़को ने गेट खटखटाया। मां-बेटे ने जैसे ही दरवाजा खोला...

 

लखनऊ से मां-बेटे पर एसिड अटैक का खौफनाक मामला सामने आया है। जहां शनिवार रात दो लड़को ने गेट खटखटाया। मां-बेटे ने जैसे ही दरवाजा खोला, अज्ञात लड़कों ने उनके चेहरे पर एसिड फेंक दिया। इसके बाद मौके से फरार हो गए। घटना गोमतीनगर के विराम खंड-3 की है। बेटे ने बताया कि तेजाब फेंक कर लड़के घर के बाहर से कुंडी लगाकर भाग गए। पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है।

विराम खंड-3 में विकास वर्मा और आकाश उर्फ विक्की अपनी मां अनीता वर्मा के साथ रहते हैं। आकाश ने बताया, “रात करीब 9:30 बजे की बात है। घर में मेरी मां, छोटा भाई विकास मौजूद था। 2 अज्ञात लड़कों ने घर का दरवाजा खटखटाया।

मां ने दरवाजा खोला। उसके बाद उन लोगों ने कहा कि विक्की और विकास को बुलाइए। उनकी आवाज सुनकर छोटा भाई विकास जैसे ही बाहर आया, उन लोगों ने मां-भाई पर ज्वलनशील पदार्थ फेंक दिया।”

आकाश बताते हैं, तेजाब से मेरे भाई का चेहरा और सीना झुलस गया। मां ने भाई को बचाने की कोशिश की तो उस पर भी तेजाब डाल दिया। अटैक के बाद जब भाई और मां चिल्लाने लगे तब लड़के मौके से भागे। पड़ोसियों की मदद से दोनों को लोहिया हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।

CCTV में कैद हुए आरोपी

गोमती नगर इंस्पेक्टर के मुताबिक, एसिड अटैक की बात सामने आई है। मुकदमा दर्ज कर CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं। मोहल्ले के एक घर में लगे CCTV में दिख रहा कि वारदात से कुछ देर पहले दो लड़के एक-एक बोतल लिए जा रहे हैं। उनका चेहरा स्पष्ट नहीं हो रहा है। क्योंकि दोनों सिर झुकाए चल रहे हैं। फुटेज के आधार पर आरोपियों की तलाश की जा रही है।

घटना के वक्त अनीता वर्मा और उनका छोटा बेटा विकास वर्मा ही घर पर मौजूद थे। बड़े बेटे आकाश ने बताया कि पिता प्राइवेट जॉब करते हैं, वह देर रात ही ड्यूटी से वापस आते हैं। घटना के दिन वह घर पर नहीं थे। बड़ी बहन मारुति कंपनी में प्राइवेट जॉब करती हैं। वह भी घटना के वक्त घर पर नहीं थीं। आकाश भी कमता चौराहे पर स्थित मिठाई की दुकान पर कैशियर की जॉब करते हैं। आकाश का यह भी कहना है कि दोनों युवकों को पहचाना नहीं जा सका है। किसी से कोई दुश्मनी या धमकी दिए जाने का भी मामला इससे पहले उनके परिवार में नहीं हुआ था।

आरोपियों को मिल सकती है 7 साल की सजा

देश में पहले एसिड अटैक को लेकर अलग कानून नहीं था। ऐसे मामलों पर IPC की धारा 326 के तहत गंभीर रूप से जख्मी करने का ही केस दर्ज होता था। लेकिन इस तरह के अपराध बढ़ने पर आईपीसी में धारा 326 ए और बी जोड़ी गई। जिसके तहत इस अपराध को गैर जमानती अपराध माना गया। दोषी को कम से कम 7 साल की सजा और अधिकतम आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया।

इसमें दोषी से जुर्माना वसूलकर पीड़ित को मदद पहुंचाने का भी नियम है। 326 बी के तहत अगर कोई तेजाब से हमला करने की कोशिश भी करता है तो भी उसके खिलाफ गैरजमानती मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसमें कम से कम 5 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

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