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Joshimath LandSlide: जोशीमठ केस को सुनने से SC का इनकार

जोशीमठ संकट (Joshimath LandSlide) के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत दखल से इनकार कर दिया।इस मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वारानंद सरस्वती ने याचिका लगाई थी।

जोशीमठ संकट (Joshimath LandSlide) के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत दखल से इनकार कर दिया। CJI डी वाई चंद्रचूड़,जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का मामले में याचिकाकर्ता चाहें तो उत्तराखंड हाईकोर्ट जा सकते हैं।

इस मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वारानंद सरस्वती ने याचिका लगाई थी। याचिका में मांग की गई थी कि केंद्र सरकार से कहा जाए कि वह संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे और मरम्मत के काम में मदद करे। साथ ही जोशीमठ के रहने वालों को तुरंत राहत दी जाए।

उधर,उत्तराखंड के जोशीमठ में दो और होटल एक-दूसरे की तरफ झुक गए हैं। इनका नाम स्नो क्रेस्ट और कॉमेट है। दोनों होटलों के बीच करीब 4 फुट की दूरी थी, जो अब कम होकर सिर्फ कुछ इंच रह गई है। इन दोनों होटलों की छत एक-दूसरे से लगभग टकरा रही है। यानी ये होटल कभी भी एक-दूसरे से टकरा सकते हैं।

सुरक्षा को देखते हुए इन दोनों होटलों को खाली करा दिया गया है। ये दोनों होटल उस जगह से 100 मीटर दूर हैं, जहां होटल मलारी इन और माउंट व्यू हैं। इन दोनों होटलों को गिराने की प्रक्रिया रविवार को शुरू हुई है।

जोशीमठ-औली रोपवे के पास दीवार में 20 फीट लंबी दरार उभरी

जोशीमठ-औली रोपवे के पास बड़ी दरारें उभर आई हैं। इस रोपवे के ऑपरेशंस एक हफ्ते पहले बंद कर दिए गए थे। रोपवे इंजीनियर दिनेश भाटी ने बताया कि इस रोपवे परिसर के पास एक दीवार पर चार इंच चौड़ी और 20 फीट लंबी दरार आ गई है।

इस इलाके में दरार पड़े घरों की संख्या भी 723 से बढ़कर 826 हो गई है। इनमें से 165 घर असुरक्षित इलाके में हैं। राज्य आपदा प्रबंध संस्थान ने बताया कि अब तक 233 परिवारों को रिलीफ सेंटर्स में शिफ्ट किया जा चुका है।

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