
प्रतिवर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था और भारत एक लोकतांत्रिक व संवैधानिक राष्ट्र बन गया था। इस वर्ष देश 74 वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। 1947 में देश की आजादी के बाद संविधान निर्माण की तैयारी शुरू हो गई। इसके लिए भारतीय संविधान सभा का गठन हुआ और 26 जनवरी 1949 को संविधान को अपना लिया गया। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। सवाल है कि संविधान लागू करने में दो महीने क्यों लगे? वहीं भारत का संविधान कहां रखा है? दरअसल आज भी भारत की मूल प्रति मौजूद है, जिसे संभालकर रखा गया है लेकिन यह किसी संग्रहालय में नहीं बल्कि गैस चैंबर में रखा गया है?
26 जनवरी को ही संविधान क्यों लागू हुआ?
नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारतीय संविधान को अपना लिया था, फिर भी इसे लागू करने में दो महीने का वक्त लगा। 26 जनवरी को संविधान को लागू करने के पीछे की एक खास वजह है। 26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित कर दिया था। इसी दिन की याद में 20 वर्ष बाद जनवरी को भारत का संविधान लागू कर विश्व को यह संदेश दिया गया कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है।
भारत के संविधान की खासियत
भारत के संविधान की खास बात यह है कि संविधान की प्रति अन्य देशों से अलग है। हाथ से बने कागज पर भारत का संविधान लिखा गया है। इसकी मूल प्रति के हर पन्ने पर सोने की पत्तियों का फ्रेम लगा है। साथ ही हर अध्याय के पहले पृष्ठ पर एक कलाकृति बनी है।
कागज पर लिखे संविधान का खास रखरखाव
हाथ से बने कागज पर संविधान को हाथ से ही लिखा गया है। ऐसे में इसे वर्षों से संभालकर रख पाना मुश्किल काम है। इसलिए संविधान का रखरखाव भी खास तरीके से होता है। संविधान की मूल प्रति को फलालेन के कपड़े में लपेटकर नेफ्थलीन बॉल्स के साथ रखा गया था।
भारतीय संविधान की मूल प्रति कहाँ रखी है?
संविधान की मूल प्रति को सुरक्षित रखने के लिए नाइट्रोजन गैस की एक चैंबर में रखा गया है, जो कि संसद भवन के पुस्तकालय में बना है। इस गैस चैंबर को वैज्ञानिक विधि से तैयार किया गया था।