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ICC Cricket: क्या शिखर धवन खुद को शिखर तक नहीं पहुंचा पाये?

शिखर धवन जो मैदान पर एक योद्धा की तरह लड़ता था। हालात कैसे भी हो लेकिन मैदान पर एक चिज पक्की थी और वो थी शिखर के चेहरे की हंसी।

बहती हवा सा था वो,छूके हमारे दिल को, कहां गया उसे ढूंढो,साल था 2009 फिल्म थी थ्री ईडियट्स (3 Idiots) । इस फिल्म में हरफनमौला एक्टर आमिर खान ने रनछोड़दास का कैरेक्टर प्ले किया था। जो हर परिस्थितियों में खुश और सकारात्मक होने का बेहतरीन परिचय देता था। कुछ ऐसे ही है हमारे क्रिकेट के महान योद्धा शिखर धवन जिनकी आज हम बात करने वाले है। शिखर धवन जो मैदान पर एक योद्धा की तरह लड़ता था। हालात कैसे भी हो लेकिन मैदान पर एक चिज पक्की थी और वो थी शिखर के चेहरे की हंसी।

इतना ही नहीं ICC इवेंट्स में शिखर धवन का सिक्का चलता था। शिखर जब अपनी मूंछों को ताव देकर शॉट लगाते थे तो फैंस पागल हो जाते थे। यहीं नहीं शिखर के कैच लेने का तरीका और उसके बाद ताल ठोकने का अंजादे बयां ही कुछ निराला था। ऐसे ही नहीं दुनिया उन्हें गब्बर कहती थी।

लेकिन शिखर धवन के फैन्स के लिए एक बुरी खबर भी लगातार वायरल हो रही है। जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि 2022 इनके लिए मैदान पर आखिरी भी साबित हो सकता है। जी हां जानकारी के मुताबिक मैदान पर शायद हम शिखर धवन को दोबारा गब्बर गिरी करते हुए ना देख पाये।

ऐसे में कहीं ना कहीं रोहित शर्मा ने आखिरकार अपना सबसे खास जोड़ीदार भी खो दिया है। अब सवाल यह उठता है कि क्या धवन-रोहित की जोड़ी अब दोबारा ब्लू जर्सी में साथ नजर आयेगी। क्योंकि ये बातें मैं यूं ही हवा में नहीं कह रहा।दरअसल, अगले साल 3 जनवरी से शुरू हो रही वनडे औऱ टी-20 सीरीज से शिखर धवन का नाम गायब है। धवन टेस्ट टीम से तो पहले ही निकाले जा चुके थे। अब टी-20 के बाद वनडे की बारी आई।

हंसी आती है ऐसे टीम मैनेजमेंट पर तरस आता है ऐसे सिलेक्टर्स और बोर्ड पर। जो प्लेयर महीने भर पहले टीम इंडिया की कप्तानी कर रहा था आज अचानक स्कीम ऑफ थिंग्स से ही बाहर हो गया! शिखर धवन अपनी बिंदास बैटिंग स्टाइल के लिए पहचाने जाते हैं। तूफानी बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं। पूरी ताकत से चौके-छक्के लगाते हैं, लेकिन बीते कुछ साल में धीमे पड़ चुके थे। शिखर धवन का इंटरनेशनल डेब्यू साल 2010 में किया। रोहित शर्मा के साथ मिलकर टीम को कई जीत दिलाई। साल 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी में दोनों की जोड़ी बनी थी, तब से दोनों ने मिलकर कई रिकॉर्ड तोड़े। इस पेयर को सचिन-सौरव या सचिन-सहवाग की जोड़ी से कम तक नहीं आंका जाता था।

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