
कई दिनों बाद भी कर्नाटक में Hijab Controversy थमने का नाम नहीं ले रही है। इस दौरान भाजपा के कई विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्रों में मुस्लिम महिलाओं से बातचीत कर रहे हैं। उन्हें यह समझाने का प्रयास किया जा रहा है कि पार्टी को उनके वेलफेयर की परवाह है। राज्य के कई कॉलेजों के सामने भगवा पहने लड़कों और दूसरी तरफ मुस्लिम लड़कियों के बीच नारेबाजी देखी गई थी। इससे पता चलता है कि इस मुद्दे ने छात्रों को दो समूहों में बांट दिया है।
कुछ विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाताओं के साथ संबंधों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। दरअसल, 2019 में कांग्रेस और जेडी (एस) के 17 विधायकों न BJP का दामन थामा था। माना जा रहा है कि इन्हें मुस्लिम मतदाता भी वोट करते रहे हैं। ऐसे में Hijab विवाद की वजह से इन्हें उनका समर्थन खोने का डर है। पार्टी इस बात से चिंतित है कि यह विवाद उस समय सामने आया है, जब वह उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में कड़ा चुनाव लड़ रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि जब तक Hijab विवाद नहीं थमता, तब तक राज्य के कई BJP विधायक अपने मुस्लिम समर्थकों को गंवा सकते हैं।
BJP के एक नेता ने कहा कि कुछ विधायकों ने महिलाओं के प्रति पार्टी की नीतियों को Hijab विवाद से अलग दिखाने की कोशिश की है। उन्होंने मुस्लिम मतदाताओं के साथ अनौपचारिक बातचीत शुरू कर दी है। यह अभी तक साफ नहीं है कि क्या उन्हें ऐसा करने के लिए ऊपर से आदेश दिया गया है। वहीं BJP के राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों का उद्देश्य महिलाओं को उनके धर्म की परवाह किए बिना सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाने का मूल उद्देश्य मुस्लिम महिलाओं का शोषण समाप्त करना था।
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