
8 नवंबर 2016,नोटबंदी (Demonetisation) की वो रात भला कैसे कोई भारतीय भूल सकता है। 8 नवंबर की शाम को सभी न्यूज चैनलों पर एक ही ब्रेकिंग चलने लगी थी । जिसमें रात आठ बजे पीएम मोदी देश को संबोधित करने वाले हैं,ऐसा बताया जा रहा था। वहीं देश के तमाम मीडिया संस्थानों के साथ-साथ हर भारतीय अपने- अपने कयास लगाना शुरू कर दिया था। सभी के मुंह पर एक ही सवाल, आखिर प्रधानमंत्री अपने संबोधन में क्या कहने वाले हैं? पीएम के संबोधन से पहले जो अनुमान न्यूज चैनलों में लगना शुरू हो गया था वो ये था कि शायद पीएम मोदी पाकिस्तान के साथ युद्ध का ऐलान कर सकते हैं, क्योंकि उस वक्त पाकिस्तान से भारत के रिश्ते बेहद ही खराब चल रहे थे। उससे दो महीने पहले ही जम्मू-कश्मीर के उरी में बड़ा आतंकवादी हमला हुआ था, तो सभी को यहीं अनुमान था कि शायद पाकिस्तान के साथ युद्ध का ऐलान प्रधानमंत्री कर सकते हैं।
लेकिन रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे ही देश को संबोधित करने आए तो सभी के दिलों की धड़कनें बहुत तेज थीं, हर कोई अपने-अपने अनुमान के मुताबिक सोच रहा था, लेकिन प्रधानमंत्री ने जैसे 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने का ऐलान किया तो सभी के चेहरे की हवाईयां उड़ गई थीं। पीएम मोदी ने कहा, ‘आज मध्य रात्रि यानि कि 8 नवंबर 2016 की रात्रि 12 बजे से वर्तमान में जारी 500 और 1000 रुपए के करेंसी नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे, ये मुद्राएं कानूनन अमान्य होंगी’। सबसे पहले तो लोगों को ‘लीगल टेंडर’ को समझने में ही काफी वक्त लग गया, जब पीएम मोदी का भाषण खत्म होने के बाद न्यूज चैनलों ने इसे एक्सप्लेन किया तो लोगों को समझ आया कि 500 और 1000 रुपए के नोट बंद हो गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस ऐलान के बाद पूरे देश में अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। किसी को भी कुछ समझ नहीं आया कि आखिर ये अचानक हुआ कैसे और अब नोटबंदी के बाद करना क्या-क्या है? पीएम मोदी के अलावा नोटबंदी की जानकारी बहुत ही चुनिंदा लोगों को थी, लेकिन जैसे ही इसके बारे में पूरे देश को पता चला तो वो किसी अफरातफरी से कम नहीं था।
जिसके बाद सभी भारतीय लाइन में खड़े होकर अपने-अपने 500 और 1000 रुपए के नोट बदलवाने में लग गये। इस फैसले के कारण काफी लोगों की मौत भी हो गयी थी। जिसके बाद लगभग 58 लोगो ने नोटबंदी के खिलाफ याचिका दायर की थी। बता दें आज उसका फैसला आया है, सभी पांच जजों की बेंच में से चार जजों ने इस फैसले को सही ठहराया है। जानकारी के मुताबिक पांच जजों की संविधान पीठ ने सोमवार को केन्द्र सरकार के हक में फैसला सुनाया है। बेंच ने कहा कि 500 और 1000 के नोट बंद करने की प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। बेंच ने यह भी कहा कि आर्थिक फैसले को पलटा नहीं जा सकता। संविधान पीठ ने यह फैसला चार-एक के बहुमत से सुनाया।
पांच जजों की संविधान पीठ में जस्टिस एस अब्दुल नजीर, बीआर गवई, एएस बोपन्ना, वी रामसुब्रमण्यम और जस्टिस बीवी नागरत्ना शामिल थे। इनमें से जस्टिस बीवी नागरत्ना ने बाकी चार जजों की राय से अलग फैसला लिखा। उन्होंने कहा कि नोटबंदी का फैसला गैरकानूनी था। इसे गजट नोटिफिकेशन की जगह कानून के जरिए लिया जाना था। हालांकि उन्होंने कहा कि इसका सरकार के पुराने फैसले पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा- नोटबंदी से पहले सरकार और RBI के बीच बातचीत हुई थी। इससे यह माना जा सकता है कि नोटबंदी सरकार का मनमाना फैसला नहीं था। संविधान पीठ ने इस फैसले के साथ ही नोटबंदी के खिलाफ दाखिल सभी 58 याचिकाएं खारिज कर दीं।