
कांग्रेस (Congress) ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर बीजेपी को घेरने की भरकश कोशिश की है। वहीं इसके बाद इसका असर भी देखने को मिला। मीडिया ने भी इस मुद्दे को हाथों-हाथ लिया। लेकिन उसके बाद इसका परिणाम कुछ उल्टा ही आ गया। जी हां महज एक दिन पहले पार्टी नेता केसी वेणुगोपाल ने इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर सुरक्षा चूक मामले की शिकायत की थी। जिसके बाद अब इसे लेकर केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल यानि (CRPF) का जवाब आया है। सीआरपीएफ (CRPF) ने कहा है कि राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर जो गाइडलाइंस जारी की गई हैं, उन्हें खुद राहुल गांधी की तरफ से तोड़ा गया है। राहुल को इन सुरक्षा उल्लंघनों की जानकारी समय-समय पर दी जाती रही हैं।
राहुल कर चुके 113 बार सुरक्षा नियमों का उल्लंघन -CRPF
बता दें कि सीआरपीएफ (CRPF) ने कांग्रेस के आरोप के बाद मामला साफ करते हुए चौकाने वाला बयान जारी किया है जिसमें खुद राहुल गांधी के ही ऊपर सीआरपीएफ ने आरोप मढ़ दिया है। बता दें CRPF ने राहुल गांधी पर 2020 से लेकर अब तक 113 बार सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। जिसमें राहुल गांधी को लगातार इसकी जानकारी भी दी गई है। साथ ही CRPF ने कहां भारत जोड़ो यात्रा के दिल्ली चरण में भी उनके साथ चल रहे लोगों ने सुरक्षा नियमों को तोड़ा है और सीआरपीएफ इस मुद्दे पर अलग से डील करेगी।
बता दें सुरक्षाबल के मुताबिक, राहुल के लिए हाईटाईट सिक्योरिटी के इंतजाम किए गए हैं। यह बताना अहम है कि जब भी सुरक्षा पाए किसी व्यक्ति का दौरा होता है, तो उसकी सुरक्षा की तैयारी सीआरपीएफ (CRPF) राज्य की पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के सहयोग से करती है। 24 दिसंबर को भारत जोड़ो यात्रा के दिल्ली चरण के लिए सीआरपीएफ (CRPF) ने 22 दिसंबर को ही तैयारियां कर ली थीं। सभी सुरक्षा गाइडलाइंस का पालन किया गया और दिल्ली पुलिस की तरफ से जरूरी बल मुहैया कराया गया था।
ये था पूरा मामला
कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने केंद्र सरकार को लिखी अपनी चिट्ठी में लिखा था कि भारत जोड़ो यात्रा के दिल्ली में 24 दिसंबर को पहुंचने के बाद यात्रा की सुरक्षा में कई बार छेड़छाड़ हुई है। दिल्ली पुलिस कई मौकों पर यात्रा में बढ़ती भीड़ को नियंत्रण करने और राहुल गांधी, जिन्हें जेड प्लस सुरक्षा मिली है, के आसपास सुरक्षा घेरा बनाए रखने में पूरी तरह नाकाम हुई है। यह स्थिति इतनी गंभीर है कि राहुल गांधी के साथ चल रहे यात्री और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उनके आसपास घेरा बनाना पड़ता है। जबकि इसी दौरान दिल्ली पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है।