
भारत के लिए क्रिकेट किसी पर्व से कम नहीं है। इसी क्रम में अगर हम बात करें टेस्ट क्रिकेट की तो कहीं ना कहीं इसे सभी फार्मेट का सरताज कहा जा सकता है। लेकिन सवाल अब यह उठता है कि क्या जो बैट्समैन अन्य फार्मेट में सेंचुरी बना रहे है ,वो टेस्ट क्रिकेट में हांफ सेंचुरी तक के लिए तरस जा रहे है। जी हां कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। ऐसे में एक और टेंशन कहें या फिर खुशी की बात की हमारे स्टार बल्लेबाज जिस मैदान पर टिक नहीं पा रहे,ऐसे मैदान पर हमारे स्पिनर कमाल कर रहे है।
जैसा कि हम जानते है कि 2022 के सभी टेस्ट मैच खत्म हो चुके हैं। टीम ने इस साल 7 मैच खेले, 4 जीते और 3 हारे। इनमें भारत के प्रमुख बैटर्स केएल राहुल और विराट कोहली बुरी तरह फेल रहे। इतनी बुरी तरह कि स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने इस साल उनसे ज्यादा रन बना दिए। राहुल ने 4 टेस्ट में 137 और कोहली ने 6 टेस्ट में 265 रन बनाए। वहीं, अश्विन ने 6 टेस्ट में 270 रन बना दिए।
कप्तानी के दबाव में हैं राहुल
कप्तानी करते हुए राहुल ने टेस्ट में 50, 8, 22, 23, 10 और 2 रन के स्कोर बनाए। बैट से तो उन्होंने कुछ खास नहीं किया, लेकिन टीम को 3 में से 2 टेस्ट जीता दिए। तीनों फॉर्मेट के दौरान 11 मैचों में राहुल ने कप्तानी की। इनमें उन्होंने 22.46 की औसत से महज 292 रन बनाए। इस दौरान उनके बैट से 3 ही फिफ्टी आईं। 11 में से 7 में भारत को जीत और 4 में हार मिली।
यानी, कप्तानी के दौरान उनका फोकस बैटिंग से हटकर फील्ड प्लेसमेंट और मैनेजमेंट पर ज्यादा हो रहा है। इस कारण वे बैट से कुछ खास परफॉर्म नहीं कर पा रहे।
विराट को 3 साल से टेस्ट शतक का इंतजार
वनडे और टी-20 इंटरनेशनल में तो विराट ने शतक का सूखा खत्म कर लिया। लेकिन, टेस्ट में वह 22 नवंबर 2019 के बाद से शतक नहीं लगा सके। ये साल तो उनके लिए और भी खराब रहा। साउथ अफ्रीका के खिलाफ जनवरी के दौरान टेस्ट में उन्होंने 79 और 29 रन की पारियां खेलीं। मैच हार जाने के बाद विराट ने भारत की टेस्ट कप्तानी छोड़ दी।
फिर जो दौर टेस्ट में विराट का चला, उसे वह खुद भुलाना चाहेंगे। श्रीलंका के खिलाफ घर में उन्होंने 45, 23 और 13 रन की पारियां खेलीं। फिर, इंग्लैंड के खिलाफ 11, 20 और बांग्लादेश के खिलाफ भी 1, 19*, 24 और 1 रन के स्कोर ही बना सके। 2022 के 6 टेस्ट में उन्होंने 26.50 की औसत से महज 265 रन बनाए। उनके बैट से एक ही फिफ्टी आई।
बेस्ट बॉलर से बेस्ट बैटर कैसे बनें अश्विन?
रविचंद्रन अश्विन ने इस साल विराट के बराबर 6 टेस्ट खेले। वे 7 और 8 नंबर पर बैटिंग करने आते हैं, यानी कि टॉप ऑर्डर बैटर के मुकाबले उन्हें बैटिंग करने के कम चांस मिलते हैं। बावजूद इसके उन्होंने इस साल 46,16, 2, 7, 61, 13, 13, 58, 12 और 42* रन की अहम पारियां खेलीं। उन्होंने 30 की औसत से 270 रन बनाए।
इनमें 2 फिफ्टी और दो 40+ की अहम पारियां शामिल हैं। यानी कि उन्होंने वाकई बल्ले से बेहतर परफॉर्म किया है। ओवरऑल 88 टेस्ट में उन्होंने 27.41 की औसत से 3,043 रन बनाए हैं। इनमें 5 शतक और 13 अर्धशतक शामिल हैं। इससे साफ है कि वह टेस्ट में ठीक-ठाक बैटिंग कर लेते हैं। ऐसे में उनका इतने रन बनाना नया नहीं है। लेकिन, राहुल और विराट का स्कोर नहीं कर पाना जरूर चिंताजनक है।