सोमवार की सुबह कुदरत का कहर मिडिल ईस्ट के चार देशों के लिए ऐसा कोहराम लेकर आया जिसके हाहाकार से खबर लिखने तक 2300 से ज्यादा जिंदगी काल के गाल में समा गईं तुर्किये (पुराना नाम तुर्की), सीरिया, लेबनान और इजराइल पर सोमवार सुबह शक्तिशाली भूकंप के झटकों ने न भूलने वाली तबाही मचा दी. अकेले तुर्किये में अब तक 1498 लोगों की जान जा चुकी है.5385 लोगों के घायल होने की सूचना है। सीरिया में 805 लोगों की जान गई और 1500 से ज्यादा लोगों के जख्मी होने की खबर आ रही है . दोनों देशों में मरने वालों की कुल संख्या 1900 से ज्यादा है . लेबनान और इजराइल में भी झटके महसूस किए गए लेकिन यहां जान माल के नुकसान की कोई खबर नहीं आयी है. भूकंप का एपिसेंटर तुर्किये का गाजियांटेप शहर माना गया है. भूकंप अंकारा, गाजियांटेप, कहरामनमारस, डियर्बकिर, मालट्या, नूरदगी समेत 10 शहरों के लिए भारी तबाही लाया . यहां 1,710 से ज्यादा बिल्डिंग धव्स्त होने की खबर है . कई लोग मलबे के नीचे दबे हैं। लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। कई शहरों में इमरजेंसी लगा दी गई है.
टर्किश मीडिया के अनुसार 3 बड़े झटके आए,पहला तुर्किये सुबह करीब चार बजे (7.8) और दूसरा करीब 10 बजे (7.6) और तीसरा दोपहर 3 बजे (6.0). इसके अलावा 78 आफ्टर शॉक्स दर्ज किए गए,इनकी तीव्रता 4 से 5 रही . भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्कीये में आए भूकंप में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी साथ ही कहा कि 140 करोड़ भारतीयों की संवेदनाएं तुर्किये के साथ हैं। भारत सरकार मदद के लिए राहत सामग्री के साथ NDRF और मेडिकल टीमों के खोज और बचाव दलों को तुर्की भेज रही है.
नक्शे से समझिए…. भूकंप का असर
भूकंप से जुड़े प्रभाव
- यूरोपियन यूनियन के साथ भारत भी तुर्किये को मदद भेजेगा। भारत सरकार ने कहा- विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड और आवश्यक उपकरणों के साथ 100 कर्मियों वाली NDRF की 2 टीमें भूकंप प्रभावित क्षेत्र में जाने के लिए तैयार हैं.
- इजराइल, अजरबैजान, रोमानिया, नीदरलैंड्स भी रेस्क्यू के लिए टीम भेज रहे हैं.
- तुर्किये में भूकंप प्रभावित इलाकों में ब्लड डोनेशन कैंप लगाए गए हैं.
- रूस ने भी तुर्किये और सीरिया को मदद भेजने का ऐलान किया है। पुतिन फिलहाल 100 बचाव कर्मियों के साथ दो इल्यूशिन-76 एयरक्राफ्ट भेजने की तैयारी कर रहे हैं.
- अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन भी मदद भेजने के लिए तैयार हैं .
100 साल बाद आया इतना खतरनाक भूकंप, 10 हजार लोग मर सकते हैं
उधर, यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने चौंकाने वाली बात कही है। इसके आंकड़ों के मुताबिक, तुर्किये में मरने वालों की संख्या एक हजार से ज्यादा हो गई है। यह संख्या 10 हजार तक पहुंच सकती है।
USGS ने इसके पीछे तर्क दिया कि 1939 में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। तब 30 हजार लोगों की मौत हुई थी। वहीं, 1999 में 7.2 तीव्रता का भूकंप आया था, तब 17 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी।
दुनिया में हर साल 20,000 भूकंप आते हैं
हर साल दुनिया में कई भूकंप आते हैं, लेकिन इनकी तीव्रता कम होती है। नेशनल अर्थक्वेक इन्फॉर्मेशन सेंटर हर साल करीब 20,000 भूकंप रिकॉर्ड करता है। इसमें से 100 भूकंप ऐसे होते हैं जिनसे नुकसान ज्यादा होता है। भूकंप कुछ सेकेंड या कुछ मिनट तक रहता है। अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक रहने वाला भूकंप 2004 में हिंद महासागर में आया था। यह भूकंप 10 मिनट तक रहा था .
special desk FM NEWS (PRIAYANK MAHESHWARI )
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