महाराष्ट्र में छिड़ा सियासी घमासान, अजीत के बागी तेवर…पवार को झटका…आख़िर किसके हाथ होगी NCP की बागडोर…जानें पूरा सियासी घटनाक्रम

रविवार की दोपहर में देश का मौसम आमतौर पर सामान्य था, लेकिन महाराष्ट्र का सियासी पारा चढ़ा हुआ था…महाराष्ट्र के कद्दावर नेता शरद पवार को इस बार चुनौती अपने ही घर से मिली है…. ये तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा पार्टी के बिखराव को कैसे संभालते है…
राजनीति के माहिर ख़िलाड़ी माने जाने शरद पवार को इस बार पटखनी उनके अपने भतीजे अजीत पवार ने दी है…इस बार अजीत पवार NCP को तोड़कर एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार में उप-मुख्यमंत्री बनाए गये है…
अजित पवार ने तोड़ा एनसीपी विधायकों का बड़ा गुट
शायद यह कहना गलत नहीं होगा कि इस बार अजीत पवार ने भूल को सुधारा है और 2019 वाले घटनाक्रम से सबक लेते हुए आठ विधायकों को मंत्री बनाकर सरकार का हिस्सा बनाने में कामयाब हुए. वहीं अजीत गुट की तरफ से NCP के 53 में से 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया जा रहा है.
शिवसेना वाली राह अपनाई:
अजीत पवार ने ‘चाचा’ को पटखनी देने के लिए इस बार शिवसेना वाली राह अपनाई है, विपक्ष में रहते हुए कैसे सरकार का हिस्सा बनें. शायद इस बात की बैचेनी उन्हें 2019 से ही थी…जब उन्हें सिर्फ 3 दिनों तक उप-मुख्यमंत्री बन कर संतोष करना पड़ा.
शरद पवार के लिए ‘आगे की राह’
इस समय शरद पवार के लिए सबसे बड़ी चुनौती पार्टी की ‘एकजुटता’ को बनाए रखना है.भतीजे अजित पवार की बगावत के बाद अपनी पार्टी एनसीपी पर वर्चस्व बनाए रखने की भी है. साथ ही पार्टी के भीतर नए नेतृत्व को मौका देना जरूरी होगा.
DIGITAL DESK-MUKUL RAWAT