कहानी उस खिलाड़ी की जो जज़्बात बन गया,जिसने नॉर्थ और साउथ के बीच की दीवार तोड़ दी

थाला यानी मुखिया या लीडर जी हां एक नॉर्थ इंडियन खिलाड़ी को साउथ इंडिया में लोग इसी नाम से बुला रहें हैं बताने की जरूरत नहीं किसकी बात हो रही है ये कहानी उस खिलाड़ी की है जो जज़्बात बन गया है
ऐसा लगता है कि महेंद्र सिंह धोनी IPL की सबसे बड़ी विरासत छोड़कर जाएंगे, जिसे कोई खिलाड़ी कभी नहीं छू पाएगा.धोनी ने जिस तरह का प्रदर्शन आईपीएल में किया है, वैसा कर पाना किसी भी खिलाड़ी के लिए मुश्किल है. 250 IPL मैच खेलना एमएस धोनी की फिटनेस और कमिटमेंट को दर्शाता है. पूरे चेन्नई और तमिलनाडु में उन्हें थाला कहा जाता है. झारखंड के एक लड़के को CSK के फैंस से साउथ में जो प्यार और प्रशंसा मिलती है, वह इस खिलाड़ी की महानता का प्रमाण है. आज तक कभी किसी नॉर्थ इंडियन प्लेयर को साउथ इंडिया में इतनी मोहब्बत नहीं मिली . महेंद्र सिंह धोनी ने नॉर्थ और साउथ के बीच की दीवार को तोड़ दिया है
एक ऐसी टीम की कप्तानी भी शोध का विषय है जो सबसे नॉन परफेक्ट टीम नज़र आती है आधे खिलाड़ी उम्रदराज़ हैं. कोई इंर्जड है, तो कोई फ़ील्डिंग के लिए अनफ़िट , न गेंदबाज़ी लाइनअप में कोई भी बड़ा नाम.रहाणे-रायुडू किसी और टीम में होते तो प्लेईंग 11 में जगह तक नहीं बना पाते, शिवम दुबे के साथ भी ऐसा ही तो था. कभी-कभी यह टीम लंगड़ों की सेना लगती तो कभी भानुमति का जुड़ा हुआ कुनवा लेकिन वो माही-वे ही है जिसके कारण रेत से उठकर बार-बार खड़ा होना इस टीम को आता है कप्तान पर भरोसा और कप्तान का अपने खिलाड़ियों पर भरोसा ही इस टीम की सफलता का राज है
बीता आई पी एल ऐसे कई लम्हे लेके आया जिसने महेंद्र सिंह धोनी के बारे में एक ही बात साबित की……. ऑल टाइम ग्रेट
- सुनील गावस्कर जैसा लेजेंड माही का अपनी शर्ट पर ऑटोग्राफ लेने के लिए भीड़ को चीरते हुए दौड़कर जा सकता है, तो इससे MSD के रुतबे को भली-भांति समझा जा सकता है
- जिस तरह फाइनल मैच में 0.1 सेकंड में ही शुभमन गिल को स्टंप कर धोनी ने खेल बदल दिया, वह बताने को काफी है कि 41 वर्ष की उम्र में भी महेंद्र सिंह धोनी इंडिया के नंबर वन विकेटकीपर हैं.
- जबकि ये पता चला है कि उन्होंने लास्ट ईयर से अब तक एक बार भी विकेटकीपिंग की प्रैक्टिस नहीं की. यहां तक कि IPL स्टार्ट होने के बाद भी वह नेट्स पर सिर्फ बल्लेबाजी करने के लिए आते थे. बगैर अभ्यास के इतनी परफेक्ट कीपिंग स्किल दिखाती है कि महेंद्र सिंह धोनी असल मायनों में लेजेंड हैं
अब बात करते हैं उस लम्हे की जो ये दिखाता है कि MSD की लेजेंड्री किस लेवल पर पहुंच गई है
पांचवीं बार ट्रॉफी उठाने के बाद धोनी ने कहा कि जीत के बाद शुक्रिया बोलकर चले जाना आसान है लेकिन फिर से वापस आना कठिन है मैं जहां भी गया, मुझे जो प्यार मिला, उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया. इस प्यार और स्नेह के लिए मुझे बहुत मेहनत करनी है और अगले 9 महीनों में अपने शरीर को अच्छा रखना है. इसके बाद कम से कम 1 और IPL खेलने के लिए वापस आना है. अगर मैं अपने शरीर को अच्छी स्थिति में रख सकता हूं तो यह मेरी ओर से फैंस को एक उपहार होगा .यह स्टेटमेंट दिखाता है कि चैलेंज लेने की जो क्षमता माही में पहली सीरीज ,पहले महीने और पहले साल में थी वो आज भी कायम है.