
Maharashtra: श्रद्धा वालकर मर्डर केस की तरह भविष्य में फिर ऐसे मामले ना हो इसके लिए शिंदे सरकार इस वक्त काफी सख्त नजर आ रही है। बता दें कि वर्तमान सरकार एक ऐसी कमेठी गठन कर रही है जो इंटरफेथ और इंटरकास्ट मैरिज करने वाले जोड़ों पर नजर रखेगी। इस कमेटी में 13 सदस्य होंगे, जो दूसरे धर्म और दूसरी जाति में शादी करने वाले कपल की जानकारी लेंगे।
साथ ही यह कमेटी ऐसी महिलाओं की एक लिस्ट भी तैयार करेगी जो शादी करने के लिए अपने परिवार से अलग रह रही हैं। जानकारी के अनुसार इस कमेटी का नाम इंटरकास्ट/इंटरफेथ मैरिज-फैमिली कोऑर्डिनेशन कमेटी रखा गया, जिसका नेतृत्व महाराष्ट्र के महिला और बाल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा करेंगे।
श्रद्धा हत्याकांड जैसे मामलों को रोकने में होगा कारगर
लोढ़ा के अनुसार समिति का गठन इसलिए किया जा रहा है ताकि श्रद्धा हत्याकांड जैसी कोई घटना फिर से न हो। उन्होंने कहा- सच्चाई यह है कि श्रद्धा के परिवार को पता नहीं था कि छह महीने पहले उसकी मौत हो गई थी। हम एक और श्रद्धा नहीं चाहते हैं।
साथ ही उन्होंने आगे कहा कि कमेटी का गठन कर ये तय किया जाएगा कि ऐसी शादियों में महिलाएं अपने परिवारों से दूर तो नहीं हैं। कमेटी ऐसे विवाहों में शामिल महिलाओं के लिए जिला स्तर पर निगरानी करेगी जो अपने परिवारों से अलग हो सकती हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर उनकी मदद की जा सके।
वहीं, विपक्षी पार्टी NCP ने इस फैसले का पूर जोर विरोध करते हुए कहा कि राज्य सरकार के किसी के पर्सनल लाइफ में दखल देने या जासूसी करने का कोई अधिकार नहीं है।
महाराष्ट्र में इंटरकास्ट मैरिज करने वालों को मिलते हैं 3.5 लाख रुपए
महाराष्ट्र में अगर कोई लड़का या लड़की अनुसूचित जाति से शादी करता है तो उसे इंटरकास्ट मैरिज स्कीम के तहत 3.5 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इस योजना का लाभ सिर्फ उन लोगों को मिलता है जिन्होंने हिंदू मैरिज एक्ट 1955 या स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन करवाया हो।
इस योजना के लाभ के लिए आपको पहले राज्य सरकार कास्ट मैरिज स्कीम के तहत एप्लिकेशन देना होगा। योजना का उद्देश्य राज्य में इंटरकास्ट मैरिज को लेकर भेदभाव खत्म करना है।
क्यों चर्चा में है श्रद्धा हत्याकांड
आफताब-श्रद्धा 8 मई 2022 को मुंबई से दिल्ली आए थे। यहां से पहाड़गंज के होटल और फिर साउथ दिल्ली में रहने लगे। साउथ दिल्ली के बाद उन्होंने मेहरौली के जंगल के पास फ्लैट लिया था। दिल्ली पहुंचने के 10 दिन बाद यानी 18 मई को 28 साल के आफताब ने श्रद्धा का मर्डर कर दिया और उसके 35 टुकड़े किए।
इन टुकड़ों को उसने लगभग तीन हफ्ते तक 300 लीटर के फ्रिज में रखा। इसके बाद हर रोज इन टुकड़ों को मेहरौली के जंगल में फेंकने जाता था। आफताब ने वारदात से पहले अमेरिकी क्राइम शो डेक्स्टर समेत कई क्राइम मूवीज और शोज देखे थे। पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।