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जानिए ऐसे मंदिरों के बारे में जहां देवता भी करते हैं शराब, सिगरेट और फास्ट फूड का सेवन

इन मंदिरों में कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जहां पर भगवान को अजब-गजब तरह का प्रसाद भी चढ़ाया जाता है। उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत में ऐसे कई मंदिर ऐसे भी हैं जहां भगवान को शराब, सिगरेट, गोलगप्पा, टॉफी और यहां तक चाऊमीन व लिट्टी चोखा को भोग लगाया जाता है

भारत एक ऐसा देश है जहाँ कई प्राचीन मंदिर मौजूद हैं ,ऐसे में यहाँ मंदिरो को लेकर तरह -तरह की मान्यताएं भी बनी हुई हैं, जिसको लेकर भक्त तमाम तरह के प्रयोजन करके अपने – अपने आराध्य को मानाने में लगे रहते हैं , कुछ इसी तरह की पूजा – अर्चना भी की जाती है, जिससे भगवान प्रसन्न हो जाये, तो आइये कुछ ऐसे ही अजीबो -गरीब पूजा और उन पर चढ़ाये जा रहे चढ़ावे पर एक नजर डालते हैं।

मैं आपको बता दूँ कि हम यहां जिन मंदिरो की बात कर रहे हैं वो सब कोई सामान्य मंदिर नहीं है बल्कि यहाँ भक्तों का ताता लगा रहता हैं। इन मंदिरों में कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जहां पर भगवान को अजब-गजब तरह का प्रसाद भी चढ़ाया जाता है। उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत में ऐसे भी कई मंदिर हैं जहां भगवान को शराब (liquor) , सिगरेट (Cigarette), गोलगप्पा, टॉफी (Chocolate) और यहां तक चाऊमीन व लिट्टी चोखा को भोग लगाया जाता है। जी हां यह सुनने में जरा अटपटा सा लगता होगा लेकिन हैं बिल्कुल सत्य , इसके अलावा इस भोग को दर्शन करने आए भक्तों में प्रसाद के रुप में वितरित भी किया जाता है।

ऐसे में यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा की भगवान को इस तरह का भोग क्षेत्र, आस्था और परंपराओं के मुताबिक लगाया जाता है। वहीं इसको लेकर कई मंदिरों की अपनी-अपनी मान्यता भी जुड़ी हुई है। जिसके अनुसार, भक्त अपने आराध्य को भक्ति और समर्पण के हिसाब से भोग लगाते हैं।

यहां भक्त चढ़ाते हैं भगवान को सिगरेट का चढ़ावा

उत्तर प्रदेश के काशी के अलावा मेरठ में बाबा धन्ना का सर्व प्रचलित प्राचीन मंदिर स्थित है। यह मेरठ के कंकड ख़ेड़ा में स्थापित यह मंदिर तक़रीबन 400 साल पुराना है। यहाँ बाबा के मंदिर में सिरगेट का भोग लगाया जाता है। जिसको लेकर यहाँ यह मान्यता है कि मंदिर में सिगरेट जलाकर मन्नत मांगने से भक्त की सभी इच्छाएं पूरी होती है।

वाराणसी के इस मंदिर में भोग के रुप में चढ़ती है शराब

यूपी के बनारस में बाबा काल भैरव के नाम से प्रसिद्ध एक ऐसा प्राचीन मंदिर स्थित है,जहाँ शराब का भोग लगाया जाता है। इसके बाद उसका वितरण भी हर्षो -उल्लास के साथ किया जाता है। आपको बता दे कि यह परंपरा आज से नही बल्कि सालों से चली आ रही है। यहां शराब के अलावा बाबा काल भैरव को मिठाई और मेवे का भोग भी लगाया जाता है।

यहां हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए भक्त चढ़ाते है बाटी – चोखे का भोग

यूपी के अयोध्या में भगवान हनुमान जी का प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर सरयू तट से आगे राजघाट के पास स्थित है। इस मंदिर में भगवान हनुमान को रोजाना भक्त बाटी चोखा का भोग लगाते नजर आ ही जायेंगे। वहीं भोग लगने के बाद इसका ही प्रसाद श्रद्धालुओं में वितरित किया जाता है। आपको बता दे कि मंदिर के पुजारी बाटी बाबा के नाम से काफी लोक प्रिय भी हैं।

यहाँ भगवान को खुश करने के लिए भक्त चढ़ाते है बिस्कुट – टॉफी

उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi) में कमच्छा स्थित बटुक भैरव का मंदिर भक्तों के बीच में काफी लोक प्रिय है। इस मंदिर में भगवान भैरव को बिस्कुट, टॉफी, लॉलीपॉप और चॉकलेट का भोग लगाया जाता है। वहीं भक्त भी बाबा भैरव के लिए यही समान लेकर मन्नत मांगने भी आते हैं, साथ ही इसका प्रसाद चढ़ाते हैं। भगवान के भोग लगने के बाद भक्तों को इसका प्रसाद वितरित किया जाता है। पुराणों के मुताबिक यहां भगवान बटुक यानी बच्चे के अवतार में मौजूद हैं। इसलिए उन्हें इसका ही भोग लगाया जाता है।

इस प्राचीन मंदिर में भगवान शंकर को लगाया जाता है पान और गोलगप्पे का भोग

काशी यानि बाबा विश्वनाथ के धाम में भक्त पान और गोलगप्पे का भोग भगवान शिव शंकर को चढ़ाते है। सभी पहर की आरती में भगवान विश्वनाथ को भोग स्वरुप पान चढ़ाया जाता है। शाम के वक्त आरती में गोलगप्पा चढ़ाया जाता है और इन चीजों के अलावा भगवान को लड्डू, मिठाई, भांग आदि का भी भोग लगाया जाता है।

रबड़ी का भोग

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान राम लगाते है रबड़ी का भोग ,जी हाँ यह परंपरा इसी वर्ष से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ मंडली ने शुरू की है। इससे पहले भगवान को बाल भोग में मिश्री, किसमिस के साथ पेड़े का भोग लगाया जाता था।

इनके अलावा पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के टांगरा में चाइनीज काली मां का मंदिर है। यहां देवी को नूडल्स का भोग लगाया जाता है। इसके अतिरिक्त तमिलनाडु के मदुरै में अलागार मंदिर स्थित है। भगवान विष्णू के इस मंदिर में हर दिन डोसा का भोग लगाया जाता है। इस भोग का वितरण भक्तों में भी किया जाता है।

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