
गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले आज राज्य की 89 सीटों पर मतदान शुरू हो गया है। 11 बजे तक 19% वोटिंग हुई है। तापी में सबसे ज्यादा 26.47% और सबसे केम देवभूमी द्वारका में 15.86% मतदान दर्ज किया गया है। राज्य के 19 जिलों में आने वाली इन सीटों पर 788 उम्मीदवार मैदान में हैं। पहले फेज में दो करोड़ से ज्यादा वोटर अपने मत का इस्तेमाल करेंगे। पहले फेज की कुल 89 सीटों में से भाजपा के पास सबसे ज्यादा 58, कांग्रेस के पास 26 और BTP के पास 2, NCP के पास एक सीट है।
आज जिन सीटों पर खास नजर रहेगी, वे हैं- जामनगर, मोरबी, कच्छ, राजकोट, पोरबंदर और जूनागढ़। नवसारी जिले के वासंदा में कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। इसमें वासंदा के BJP कैंडिडेट पीयूष पटेल जख्मी हो गए। बता दें, वासंदा कांग्रेस का गढ़ है। कांग्रेस से अनंत पटेल मैदान में हैं।
जामनगर नॉर्थ सीट से भाजपा कैंडिडेट रीवाबा जडेजा ने राजकोट में मतदान किया। उन्होंने सभी मतदाताओं से मतदान करने की अपील की।
BJP के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने सूरत में वोट डाला। इसके बाद वे गांधीनगर में चुनाव प्रचार के लिए रवाना हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने अमित शाह ने गुरुवार को मतदाताओं से बड़ी तादाद में वोटिंग की अपील की। गुजरात के मिनी अफ्रीका कहने जाने वाले जम्बूर गांव में पहली बार लोग वोट डालेंगे। यहां उनके लिए स्पेशल ट्राइबल बूथ बनाया गया है।
पहले फेज की सात सीटों पर AAP का असर
पहले फेज की कुल 89 सीटों में से छह से सात सीटें ऐसी हैं, जहां केजरीवाल की आम आदमी पार्टी यानी AAP का असर है। इनमें से छह सीटें सूरत जिले की हैं। वहीं, एक सीट द्वारका जिले में है। द्वारका की खंभालिया सीट से AAP के CM कैंडिडेट ईशुदान गढ़वी मैदान में हैं।
पुल हादसे से चर्चा में आई मोरबी में आज वोटिंग
पुल हादसे के चलते चर्चा में आए मोरबी जिले की तीन सीटों मोरबी, टंकारा और वांकानेर पर आज वोटिंग हो रही है। इन सीटों पर चुनावी हार-जीत का आंकड़ा देखें, तो 1962 से लेकर अब तक छह बार भाजपा और पांच बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। दो बार निर्दलीय कैंडिडेट जीते हैं।
पिछले चुनाव यानी 2017 की बात करें तो पाटीदार प्रभावित मोरबी सीट पर कांग्रेस के टिकट पर जीतने वाले ब्रजेश मेरजा ने पार्टी बदल ली थी। इसके बाद उन्होंने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। हालांकि, इस बार भाजपा ने ब्रजेश मेरजा को टिकिट नहीं दिया है और ब्रिज हादसे में लोगों की जान बचाने वाले कांतिलाल अमृतिया को चुनाव मैदान में उतारा है ।