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गौतम अडाणी टॉप टेन अमीरों की लिस्ट से हुए बाहर

अडाणी ग्रुप के चेयरपर्सन गौतम अडाणी दुनिया के टॉप टेन अमीरों की लिस्ट से बाहर हो गए हैं। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, एक दिन में अडाणी को...

अडाणी ग्रुप के चेयरपर्सन गौतम अडाणी दुनिया के टॉप टेन अमीरों की लिस्ट से बाहर हो गए हैं। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, एक दिन में अडाणी को 8 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। 29 जनवरी को उनकी नेटवर्थ 92.7 बिलियन डॉलर थी, जो सोमवार को घटकर 84.4 बिलियन डॉलर पर आ गई। इससे अडाणी इंडेक्स में 11वें स्थान पर आ गए।

एक हफ्ते में अडाणी की नेटवर्थ में 35.6 बिलियन डॉलर की कमी आई है। 20 नवंबर 2022 को अडाणी की नेटवर्थ 150 बिलियन डॉलर पर पहुंच गई थी। वहां से अडाणी की नेटवर्थ अभी 65.6 बिलियन डॉलर नीचे है। गौतम अडाणी का ग्रुप भारत में सबसे बड़ा पोर्ट ऑपरेटर है। ये ग्रुप भारत का सबसे बड़ा थर्मल कोल प्रोड्यूसर और सबसे बड़ा कोल ट्रेडर भी है।

अडाणी 4 अप्रैल 2022 को सेंटीबिलियनेयर्स क्लब में शामिल हुए थे। 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा नेटवर्थ वाले व्यक्तियों को सेंटीबिलियनेयर कहा जाता है। उससे पहले अप्रैल 2021 में अडाणी की नेटवर्थ 57 अरब डॉलर थी। फाइनेंशियल ईयर 2021-2022 में अडाणी की नेटवर्थ दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ी। अडाणी ग्रुप की सात पब्लिकली लिस्टेड कंपनीज है।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद शेयर्स में गिरावट का दौर

अमेरिका की रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई थी। रिपोर्ट में अडाणी ग्रुप पर स्टॉक मैनिपुलेशन, मनी लॉन्ड्रिंग और अकाउंटिंग फ्रॉड में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। इसके बाद अडाणी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली।

हालांकि, सोमवार को ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयरों ने रिकवरी दिखाई। ये 3.93% चढ़कर बंद हुआ। ACC, अडाणी पोर्ट, अंबुजा सीमेंट के स्टॉक में भी तेजी देखने को मिली। वहीं अडाणी टोटल गैस 20%, ग्रीन एनर्जी 20.00%, पावर 5.00%, ट्रांसमिशन 15.23% और विल्मर 5.00% गिरा।

अडाणी ग्रुप VS हिंडनबर्ग

गौतम अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को भारत पर साजिश के तहत हमला बताया है। ग्रुप ने 413 पन्नों का जवाब जारी किया। इसमें लिखा है कि अडाणी समूह पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। ग्रुप ने यह भी कहा कि इस रिपोर्ट का असल मकसद अमेरिकी कंपनियों के आर्थिक फायदे के लिए नया बाजार तैयार करना है।

समूह ने कहा कि यह रिपोर्ट गलत जानकारी और आधे-अधूरे तथ्यों को मिलाकर तैयार की गई है। इसमें लिखे गए आरोप बेबुनियाद हैं और बदनाम करने की मंशा से लगाए गए हैं। इस रिपोर्ट का सिर्फ एक ही उद्देश्य है- झूठे आरोप लगाकर सिक्योरिटीज के मार्केट में जगह बनाना, जिसके चलते अनगिनत इंन्वेस्टर्स को नुकसान हो और शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग बड़ा आर्थिक फायदा उठा सके।

अडाणी ग्रुप को हिंडनबर्ग का जवाब- धोखा तो धोखा होता है

अडाणी ग्रुप के रिस्पॉन्स पर हिंडनबर्ग ने भी जवाब दिया है। हिंडनबर्ग ने कहा, “धोखाधड़ी पर इस तरह के जवाब या राष्ट्रवाद का पर्दा नहीं डाला जा सकता है। अडाणी ग्रुप हमारी रिपोर्ट को भारत पर सोचा-समझा हमला बता रहा है। अडाणी ग्रुप अपने और अपने चेयरमैन की बढ़ती हुई आय को भारत के विकास के साथ जोड़ने की कोशिश कर रहा है। हम इससे सहमत नहीं हैं।

हम मानते हैं कि भारतीय लोकतंत्र भिन्नताओं को समेटे हुए है। भारत एक उभरती हुई सुपर पावर है, जिसका शानदार भविष्य है। हम यह मानते हैं कि भारत के भविष्य को अडाणी ग्रुप ने पीछे खींच रखा है। जो खुद को देश के झंडे में लपेट कर लूट मचा रहा है। हम मानते हैं कि धोखा… धोखा ही होता है।”

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