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Covid-19: ओमिक्रॉन का नया अवतार, सतर्क सरकार!

Covid-19 का BF.7 वेरियेंट इतना ज्यादा ताकतवर है कि यह एंटी डोज लेने के बावजूद भी नहीं रूक रहा। लेकिन इसका यह मतलब नहीं की हम कोरोना के डोज को ही अनदेखा कर दे ।

भारत में मायूसी भरा बूस्टर डोज का आंकड़ा
अब तक सिर्फ 28% लोगों ने ही ली बूस्टर डोज की वैक्सीन
BF.7 वेरियेंट ने चीन में मचाया कोहराम

कोरोना…कोरोना…कोरोना…! एक बार फिर इस सदी की सबसे बड़ी महामारी यानि कोरोना (Covid-19) अब नये वेरियेंट में हमारे बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराने आ चुका है। कोरोना जिसने अपने पहले और दूसरे लहर में दुनिया को आर्थिक तौर पर तोड़ कर रख दिया था। ऐसे में कोरोना अब और भी घातक और खतरनाक हो गया है । यहां तक की इसने अपना रूप भी बदल लिया है। जी हां अब इस बार कोरोना BF.7 के रूप में हमारे बीच आ चुका है।

जानकारी के मुताबिक कोरोना का BF.7 वेरियेंट इतना ज्यादा ताकतवर है कि यह एंटी डोज लेने के बावजूद भी नहीं रूक रहा। लेकिन इसका यह मतलब नहीं की हम कोरोना के डोज को ही अनदेखा कर दे । क्योंकि यह और भी खतरनाक साबित हो सकता है । ऐसे में हमें और भी सतर्क होने की जरूरत हो गयी है । हमें अपने घर के बुजुर्गों का और भी ध्यान रखने की जरूरत हो गयी है । यहां तक की अपने आस-पड़ोस के लोगों को भी सतर्क करने और सही जानकारी देने की जरूरत है ।

ऐसे में कोरोना को लेकर तमाम तरह की अफवाहों का बाजार भी गर्म है। जिसमें कोविड-19 (Covid-19) महामारी को लाइलाज बताया जा रहा है। तो कहीं इसे मौत का दूसरा नाम दे दिया गया है। इसी तरह बूस्टर डोज को लेकर भी कुछ ऐसी ही भ्रानतियां फैलाई जा रही है । जो सरासर गलत है । जिसे लेकर दुनियाभर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय है कि बूस्टर डोज लेने से कोरोना के इस नए बीएफ.7 (BF.7) वेरियेंट का भी खतरा टल जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर बूस्टर डोज लिया कोई व्यक्ति बीएफ.7 वेरियेंट से संक्रमित के संपर्क में आ भी जाता है तो वह गंभीर बीमारियों की चपेट में आने से बच जाएगा। लेकिन, हैरत की बात है कि भारत में 27 से 28 प्रतिशत लोगों ने कोविड की बूस्टर डोज ली है। मजे की बात तो यह है कि उसमें भी कुछ लोगों के नाम पर फर्जी सर्टिफिकेट जारी कर दिए गए हैं जबकि उन्होंने कभी बूस्टर डोज लगवाई ही नहीं है। इस तरह देखें तो बूस्टर डोज पर 28 प्रतिशत का आंकड़ा भी भरोसेमंद नहीं है।

सरकार सतर्क, हालात की हो रही समीक्षा

ध्यान रहे कि नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने बुधवार को बताया कि देश में जो लोग कोरोना की बूस्टर डोज लेने योग्य हैं, उनकी केवल 27-28 प्रतिशत आबादी ने ही एहतियाती खुराक ली है। उन्होंने टीका लेने तथा भीड़-भाड़ वाली जगह पर मास्क पहनने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि चीन में पैदा हुए हालात से घबराने की नहीं, सतर्क रहने की जरूरत है। पॉल ने कहा, ‘लोगों को भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनना चाहिए। जिन लोगों को पहले से कोई बीमारी है या बुजुर्ग हैं, उन्हें विशेष रूप से इसका पालन करना चाहिए।’ वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने विश्व स्तर पर, विशेष रूप से चीन में कोविड के मामलों में वृद्धि के बीच बुधवार को एक समीक्षा बैठक की। मांडविया ने एक ट्वीट में कहा, ‘कुछ देशों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर आज विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की। कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है। मैंने सभी संबंधित लोगों को सजग रहने और निगरानी बढ़ाने के लिये कहा है। हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।’

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