Charles Sobhraj:19 साल बाद जेल से रिहा होगा ‘बिकिनी किलर’
साल 2015 में एक और भी फिल्म आई थी जिसके नायक थे रणदीप हुड्डा फिल्म का नाम था 'मैं और चार्ल्स' । इस फिल्म में रणदीप हुड्डा ने जिसका कैरेक्टर प्ले किया था । वह सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज (Charles Sobhraj) की असल जिंदगी से लिया गया था ।

नेपाल जेल से रिहा होगा कुख्यात सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज
बिकिनी किलर के नाम से मशहूर है चार्ल्स शोभराज
भारत में दो बार जेल से हो चुका है फरार
2003 में काठमांडू कैसिनो में हुआ था गिरफ्तार
काठमांडू: फिल्म ‘डॉन’ जिसने रिलीज होते ही फिल्म जगत में धूम मचा दी थी । इसी फिल्म का एक डायलॉग जो और भी मशहूर हुआ था । डॉन को पकड़ना मुशकिल ही नहीं नामुमकिन है। इसी तरह एक और डायलॉग और भी मशहूर हुआ था ‘डॉन का इंतजार तो 11 मुल्कों की पुलिस कर रही है’।’ इतना ही नहीं साल 2015 में एक और भी फिल्म आई थी जिसके नायक थे रणदीप हुड्डा फिल्म का नाम था ‘मैं और चार्ल्स’ । इस फिल्म में रणदीप हुड्डा ने जिसका कैरेक्टर प्ले किया था । वह सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज (Charles Sobhraj) की असल जिंदगी से लिया गया था । इस फिल्म में रणदीप ने ‘बिकिनी किलर’ नाम से मशहूर चार्ल्स शोभराज के कैरेक्टर को जीवंत करने का शानदार काम किया । लेकिन यह फिल्म दर्शकों के बीच ज्यादा कमाल नहीं दिखा पाई ।
अब तक तो आप समझ ही चुके होंगे की मैं किसकी बात कर रहां हूं और क्यों । जी हां मैं बात कर रहां हूं अपने दौर का कुख्यात और ‘बिकिनी किलर’ नाम से मशहूर सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज (Charles Sobhraj) की । चार्ल्स शोभराज जिस पर लगभग 20 से अधिक हत्याओं का आरोप है। जो वेश और भाषा बदलने में माहिर है। जिसके लिए जेल से फरार होना बॉये हाथ का खेल हो , और तो और इस सीरियल किलर के एक से एक किस्से अनसुलझे और दिलचस्प हो ।
चार्ल्स शोभराज (Charles Sobhraj) जिसका सरकारी कागजों में असली नाम हतचंद भाओनानी गुरुमुख है। लेकिन क्राइम की दुनिया में उसे लोंग ‘बिकिनी किलर’, सीरियल किलर, चार्ल्स शोभराज (Charles Sobhraj) और भी अलग-अलग नामों से जाना जाता है। ऐसे में वह कुख्यात सीरियल किलर अब नेपाल की जेल से बाहर आने के लिए तैयार है। अब सवाल यह उठता है कि चार्ल्स शोभराज को क्यों रिहा कर रहा है नेपाल?
जानकारी के अनुसार चार्ल्स शोभराज (Charles Sobhraj) की रिहाई की तस्दीक करने वाला नेपाली सुप्रीम कोर्ट का आदेश देश के उस कानून पर आधारित है जो कहता है कि अगर कैदी ने अपनी सजा की 75 फीसदी अवधि जेल में पूरी कर ली है और कैद में उसका आचरण अच्छा रहा है तो उसे रिहा किया जा सकता है। वहीं शोभराज ने अपनी याचिका में दावा किया कि वह नेपाल के वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली ‘छूट’ के अनुरूप अपनी जेल की सजा पूरी कर चुका है। उसने दावा किया है कि वह 20 में से 17 साल की सजा पूरी कर चुका है और अपने ‘अच्छे आचरण’ के आधार पर उसने रिहाई की सिफारिश की।