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‘कातिल कार’ का मालिक आशुतोष चढ़ा दिल्ली पुलिस के हत्थे

सुल्तानपुरी-कंझावला इलाके में 20 वर्षीय युवती अंजलि सिंह की स्कूटी को टक्कर मारने और उसे घसीटने वाली 'कातिल कार' का मालिक दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ गया है।

सुल्तानपुरी-कंझावला इलाके में 20 वर्षीय युवती अंजलि सिंह की स्कूटी को टक्कर मारने और उसे घसीटने वाली ‘कातिल कार’ का मालिक दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। बता दें पकड़ा गया शख्स इस केस का छठा आरोपी है, जिसका नाम आशुतोष है। जानकारी के मुताबिक आशुतोष की ही बलेनो कार इस घटना को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल की गयी थी। पुलिस के मुताबिक अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल इसी कार पर सवार थे।

बता दें पुलिस ने इस घटना में शामिल 2 और आरोपियों आशुतोष और अंकुश के बारे में मीडिया को जानकारी दी थी। पुलिस ने अपने ब्रीफ में दोनों अन्य आरोपियों दोस्त और सगा-संबंधी बताया हैं। आपको बता दें कि 31 दिसंबर-1 जनवरी की दरमियानी रात पीड़िता अंजलि सिंह (20) की स्कूटी को कार ने टक्कर मारी थी और पीड़िता को घसीटते हुए 12 किलोमीटर तक ले गई थी, जिससे उसकी मौत हो गई थी. उसका शव कंझावला में सड़क पर पड़ा मिला था, शरीर पर कपड़े नहीं थे।

पूरे मामले में पुलिस की कार्रवाई

सुल्तानपुरी पुलिस थाने ने मामले में इन आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश, गैर इरादतन हत्या और लापरवाही से वाहन चलाने से मौत समेत भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की थी। वहीं दिल्ली पुलिस के मुताबिक हादसे के तुरंत बाद गिरफ्तार 5 आरोपियों में से कुछ ने उसी रात फोन कर आशुतोष और अंकुश को बता दिया था कि उन्होंने कार से कुचल कर एक युवती को मार डाला है। इस पर आशुतोष और अंकुश ने उन्हें बचने के तरीके बताए थे। दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) सागर प्रीत हुड्डा ने एक और नई जानकारी दी। उन्होंने बताया था कि हादसे के वक्त कार में 5 नहीं, बल्कि 4 ही आरोपी सवार थे। अब तक जिस दीपक खन्ना को कार का ड्राइवर बताया जा रहा था, दरअसल वह हादसे के वक्त अपने घर पर था।

मृतका अंजलि से आरोपियों की नहीं थी कोई जान-पहचान

अब तक की जांच से आरोपियों का मृतका अंजलि से किसी भी तरह की जान-पहचान होने का पता नहीं चल पाया है. सुल्तानपुरी-कंझावला घटना की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी विस्तार से जांच करने में जुटी हुई है। पुलिस की 18 टीमें भी जांच में एसआईटी का सहयोग कर रही हैं. आरोपियों के बयान में शुरू दिन से काफी विरोधाभास सामने आ रहे हैं. तीन आरोपियों का कहना है कि उन्हें जानकारी नहीं थी कि अंजलि, कार के नीचे फंसी हुई है, जबकि दो का कहना है कि स्कूटी से टक्कर लगते ही पता लग गया था कि लड़की कार के नीचे फंस गई है। उन्होंने अमित खन्ना को बार-बार कार रोकने को कहा था, लेकिन डर के कारण उसने कार नहीं रोकी। फोरेंसिक जांच में कार के फ्रंट साइड में लेफ्ट व्हील के पास एक्सेल में अंजलि का पैर फंसने की जानकारी मिली है. वहां खून के नमूने मिले हैं. कार के नीचे अन्य जगहों पर भी खून के धब्बे मिले हैं. इससे यह साफ हो गया है कि अंजलि कार के नीचे ही फंसी थी, न की उसे कार के अंदर से बाहर फेंका गया था।

निधि को पुलिस ने दी क्लीन चिट

घटना के दौरान स्कूटी पर अंजलि के पीछे बैठी उसकी दोस्त निधि, पुलिस के लिए अहम चश्मदीद गवाह है। उसका मजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 के तहत बयान दर्ज करा लिया गया है, ताकि भविष्य में यह आरोप न लगे कि पुलिस के कहने या दबाव में उसने कोई बयान दिया है। घटना में उसे भी हल्की चोटें आई हैं। लेकिन वह अपने घर चली गई थी। निधि ने खुद को अंजलि का दोस्त बताया है, लेकिन घटना की सूचना उसने पुलिस को नहीं दी थी और न ही अंजलि के परिजनों को। इस मामले में जल्द मजबूत आरोप पत्र तैयार कर कोर्ट में पेश करेंगे। केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाने के लिए कानूनी प्रक्रिया तलाशी जा रही है। अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल जाने के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि अंजलि भी घटना के दौरान नशे में थी या नहीं। इसका घटना से कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि पुलिस गैर इरादतन हत्या के केस की जांच कर रही है। पुलिस को घटना के नए नए सीसीटीवी फुटेज मिल रहे है।

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