
Arunachal Pradesh: एक बार फिर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने अंदाज में नजर आये है। बता दें आज अरुणाचल प्रदेश में ‘BRO’ द्वारा बनाए गए कई परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए किसी देश का नाम लिए बिना ही इशारों-इशारों में चीन को रक्षा मंत्री ने कड़ा संदेश दिया है कि भारत की धरती से ही वसुधैव कुटुंबकम का संदेश गया है। हम शांति के साथ-साथ शक्ति के भी उपासक हैं। बदलती दुनिया, बदलते समय और राष्ट्रों के बदलते हितों के मद्देनज़र किसी भी राष्ट्र को अपने आपको सशक्त रखना एक बड़ी आवश्यकता हैI
बता दें पिछले महीने तवांग सेक्टर में चीन और भारतीय सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज पहली बार अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले के दौरे पर पहुंचे। यहां पहुंचने के बाद राजनाथ सिंह ने सीमा सड़क संगठन द्वारा निर्मित 27 अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के साथ सियोम पुल का उद्घाटन किया।
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि हाल में सीमा सड़क संगठन ( BRO) ने जिस भावना और गति के साथ विकास कार्यों को अंजाम दिया है वह सराहनीय है। अधिक से अधिक सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ने की योजना सरकार की प्राथमिकता में है, ताकि वहां रहने वाले लोगों के विकास के साथ-साथ, उनमें व्यवस्था के प्रति विश्वास की भावना विकसित हो सके।
दुनिया में आए दिन किसी न किसी प्रकार के संघर्ष की स्थिति दिखाई देती रहती हैI हालांकि, भारत हमेशा युद्ध के खिलाफ रहा है, और यही भारत की नीति रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी यह युद्ध का समय कहकर भारत के संकल्प को पुनः स्पष्ट किया था और दुनिया का ध्यान इस संकल्प की ओर आकर्षित किया था। यानि हम युद्ध में यकीन नहीं रखते हैं। पर अगर हम पर युद्ध थोपा जाता है, तो हम हर चुनौती का सामना करने को तैयार हैं। हाल में बीआरओ ने जिस भावना और गति के साथ विकास कार्यों को अंजाम दिया है, वह सराहनीय है। अधिक से अधिक सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ने की योजना सरकार की प्राथमिकता में है, ताकि वहां रहने वाले लोगों के विकास के साथ-साथ, उनमें व्यवस्था के प्रति विश्वास की भावना विकसित हो सके।
साथियों, ‘Border Roads Organization’ के नाम को, जब मैंने पहली बार short में लिखा देखा था, तो मैंने उसे ‘ब्रो’ समझा था, जिसे आज-कल हमारी नई generation ‘Brother’ यानि भाई के रूप में उपयोग करती है। फिर मुझे बताया गया कि यह ‘ब्रो’ नहीं, बीआरओ लिखा है। लेकिन मैं सेना को जिस तरह से देश की जनता के साथ मिलकर आगे बढ़ते देख रहा हूं, तो मैं कह सकता हूँ, कि तब मैंने बीआरओ को ‘ब्रो’ यानि ‘Brother’ गलत नहीं, बिलकुल सही पढ़ा था। बीआरओ, यानि हमारी सेनाओं का ‘ब्रो’, बीआरओ यानि हमारे देशवासियों का ‘ब्रो’।